शंभू और तितलियाँ..
मन, शरीर और आत्मा की स्वतंत्रता का प्रतिनिधित्व करती ये तितलियां..
रूहानी जज़्बातों को परलोक के सफर पर ले जाती ये तितलियां..
परिवर्तन और शक्तिशाली विकास का प्रतिरूप ये तितलियां..
कैटरपिलर से क्रिसलिस फिर एक सुंदर तितली के रूप में उभरती बनतीं ये तितलियां..
एक अस्थिर मन की आदत के साथ निरंतर गति और विधि में रहती आईं ये तितलियां..
प्रेम, रोमांस, परिवर्तन और नई शुरुआत की प्रतीक ये तितलियां..
आशा, स्वतंत्रता और आध्यात्मिक जागृति का संकेत ये तितलियां..
सकारात्मक बदलाव और सामाजिक सद्भाव से भरी-पूरी घर की हवा में तैरती ये तितलियां..
तितली का आना जैसे खुशियों का खज़ाना..
देख उन्हें मेरे शंभू का यूं बेबाक खिलखिलाना..
ये सिर्फ़ कुछ खूबसूरत प्रतीक ही नहीं हैं,
आत्मा और प्रेम के सौंदर्य की पहचान हैं ये तितलियाँ..
घर में तितली का विचरना यूं संकेत है खुशनुमा बदलाव का आना..
प्रेम का ऐसा प्रतीक जो मृत्यु से भी परे है स्वतंत्र व्यक्तित्व का ऐसा संदेश हैं ये तितलियां..
आजाद चंचल हवाओं के रुख को बदलती किसी के रोके नहीं रुकती ये तितलियां..।
नहीं फर्क मेरे शंभू और इन हसीन तितलियों में कोई है..
दोनों की है नई शुरुआत मगर लक्ष्य दोनों का एक ही है..
बनें..
शक्तिशाली प्रकाश स्तंभ,
निरंतर गतिशील,
परिवर्तन की शक्ति,
और अविश्वसनीय उपलब्धियों के हमसफ़र..!!
-अतुल 🦋