500 People read 5 Received Responses 7 Received Ratings
Share with your friends :
About Atul Agarwal
कहते हैं आप कि यहां मैं अपने बारे में कुछ लिखूं, क्या लिखूं, लिख दूं यहां अपनी कुछ बचपन की नादानियां, या कि कुछ अपने जवां दिल की बदमाशियां लिखूं, या गुजिश्ता कुल जिंदगी पे कोई अफसाना हसीं लिखूं, यूं तो जिंदगी में सोज़े ग़म के तराने भी कुछ कम नहीं, बहरहाल समझ नहीं आता मुझे कि अपने बारे में मैं...More
कहते हैं आप कि यहां मैं अपने बारे में कुछ लिखूं, क्या लिखूं, लिख दूं यहां अपनी कुछ बचपन की नादानियां, या कि कुछ अपने जवां दिल की बदमाशियां लिखूं, या गुजिश्ता कुल जिंदगी पे कोई अफसाना हसीं लिखूं, यूं तो जिंदगी में सोज़े ग़म के तराने भी कुछ कम नहीं, बहरहाल समझ नहीं आता मुझे कि अपने बारे में मैं खुद ही क्या लिखूं..
-अतुल।