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About Sanjay Nirala
जलाता अपनी थाती ही बाती , दीपक बनता कब रे काती , हो निडर तुम चलना साथी , जीवन है ही क्षणभंगुर भाती ! धन्यवाद
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जलाता अपनी थाती ही बाती , दीपक बनता कब रे काती , हो निडर तुम चलना साथी , जीवन है ही क्षणभंगुर भाती ! धन्यवाद
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