मुझे तो बचपन से ही लिखने का शोक रहा है कभी चाहा था की मेरी पुस्तक छपे और हर कोई उसे पड़े। शायद वो अपना भी मुक्कमल हो गया। मेरी कई रचनाएं है जिनको पढ़ा जा सकता है और उनसे सीखने को बहुत कुछ हैं।
हाल में एक पुस्तक मैं लिख रहा हु जिसका शीर्षक है " तुम मुझे ढूंढ लोगे... " इसका पहला अध्याय पीड़ा यहां...More
मुझे तो बचपन से ही लिखने का शोक रहा है कभी चाहा था की मेरी पुस्तक छपे और हर कोई उसे पड़े। शायद वो अपना भी मुक्कमल हो गया। मेरी कई रचनाएं है जिनको पढ़ा जा सकता है और उनसे सीखने को बहुत कुछ हैं।
हाल में एक पुस्तक मैं लिख रहा हु जिसका शीर्षक है " तुम मुझे ढूंढ लोगे... " इसका पहला अध्याय पीड़ा यहां पोस्ट कर चुका हूं अभी न जाने कितना वक्त लगेगा उसको पूरा करने में लेकिन मैं यकीन दिलाता हूं इससे अधिक पढ़ने लायक पुस्तक आपको कहीं नहीं मिलेगी।