सुजानगढ़(राजस्थान) में पले बढ़े और पेशे से शिक्षक। विभिन्न विषयों पर 400 से अधिक रचनाएं देश के ख्यात पत्र -पत्रिकाओं में प्रकाशित। हाल ही एक कहानी संग्रह " वो कौन थी " प्रकाशित ।राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत । तंत्र -मंत्र,योग, अध्यात्म,परामनोवैज्ञानिक ,अलौकिक आदि विषयों पर अध्ययन और...More
सुजानगढ़(राजस्थान) में पले बढ़े और पेशे से शिक्षक। विभिन्न विषयों पर 400 से अधिक रचनाएं देश के ख्यात पत्र -पत्रिकाओं में प्रकाशित। हाल ही एक कहानी संग्रह " वो कौन थी " प्रकाशित ।राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत । तंत्र -मंत्र,योग, अध्यात्म,परामनोवैज्ञानिक ,अलौकिक आदि विषयों पर अध्ययन और अनुसंधान।
प्रस्तुत रचनाएं सत्य घटनाओं और व्यक्तिगत अनुभवों पर आधारित है। यद्यपि ये अविश्वसनीय लगती हों पर इनमें लेशमात्र भी अतिशयोक्ति नहीं है। आप जो कुछ भी पढ़ेंगे, सहसा उन पर विश्वास नहीं होगा। मेरे जीवन में लौकिक - पारलौकिक घटनाएं घटती रही हैं। पारलौकिक जगत का अस्तित्व निश्चित ही है ,इसमें कोई संदेह नहीं। परामनोवैज्ञानिक तथ्यों के गूढ़ और गोपनीय रहस्य अपने आप में अत्यंत जटिल हैं। मुझे जो अलौकिक और पारलौकिक अनुभूतियां हुई उन्हीं तमाम घटनाओं,अनुभवों को अपनी प्रांजल भाषा में कथा का रूप देने की कोशिश की है। मैं इसमें कितना सफल हुआ, सुधी पाठकगण ही बता सकते हैं। इन रचनाओं का उद्देश्य अंधविश्वास को बढ़ावा देना कतई नहीं है। आशा है पाठकों को ये कथाएं आनंददायी, ज्ञानवर्धक और रहस्य रोमांच से लबरेज प्रतीत होंगी , इसमें कोई संदेह नहीं। ????????????