हिन्दी की पावन सरिता को अविरल यूं ही बहने दो ।
अंग्रेंजी कीचड़ मत फेंकों इसे शुद्ध स्वच्छ ही रहने दो।
भाषा भावों की अभिव्यक्ति का श्रेष्ठतम माध्यम है, इसी माध्यम से हम अपने विचारों को सम्प्रेषित करते हैं भाषा नहीं तो विचारों का प्रकटीकरण संभव नहीं ,इसी कारण विश्व की भाषायें अपनी अपनी देशी अस्मिता बनाये रखने के लिए संघर्षरत रहती हैं।