कर लो दुनिया मुट्ठी में!

कर लो दुनिया मुट्ठी में!


विनोद पाराशर विनोद पाराशर

Summary

मोबाइल ने जहाँ हमें सुविधा दी है,वहीं इसके लिए हमने बहुत कुछ खोया भी है।
Poem
Nidhi . - (20 July 2025) 5

0 0

ऋचा दीपक कर्पे - (17 January 2021) 5
वाह ...!!

0 0

DHARMENDRA KUMAR - (05 September 2020) 5
सच में बहुत दूर हो गए है हम अपनो के साथ साथ अपने आप से भी

1 1

dr.sonil Sumit misra - (03 September 2020) 5
यही आभासी दुनिया है। यही सच्चाई है आने वाले भविष्य की भी।

1 1

Saroj Sharma - (30 August 2020) 5
sahi mai is mobile ne sambandho me duri la di hai.

0 0


1.जन्मतिथि:01-07-1961 2.जन्म स्थान: गाँव-सिंगौली, जिला-मेरठ(उत्तर प्रदेश) वर्तमान में ,दिल्लीमें ही स्थायी निवास 3.एम.ए.(हिंदी) 4.साहित्यिक उपलब्धियां (i) वर्ष-1981 में प्रकाशित'क्षितिज के उस पार' ग़ज़ल-संग्रह का सहयोगी ग़ज़लकार। (ii) वर्ष-1991में,हिंदी अकादमी:दिल्ली के आर्थिक-सहयोग से'नया घर' कविता...More

Publish Date : 29 Aug 2020

Reading Time :


Free


Reviews : 6

People read : 317

Added to wish list : 0