Vinay Kumar Saxena - (16 March 2024)पाठक की भावनाओं को उभारने में काफ़ी हद तक आप सफल हुए हैं। बैग का गिर जाना, जेब कट जाना, यथार्थ में संभव है किंतु फौजी जब ड्यूटी पर जाते हैं तो वह यूनीफॉर्म में होते हैं। प्रायः गाड़ियों में फौजियों के लिए एक आरक्षित बोगी भी होती है। बस यहीं कहानी में कमी रह गई महसूस हुई है। अंत यथार्थ है,। हम कितना भी कह लें जिसका बेटा शहीद होता है वह ऊपर से जितनी बहादुरी का प्रदर्शन कर ले किंतु सच में उसका हृदय फटता है। शुभकामनाएं🌹
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Suresh Chaudhary - (12 March 2024)बहुत ही मार्मिक, सब्जेक्ट गहरा और प्रयास अति उत्तम