एक अनमोल से एहसासों वाली,
आंखो में मासूमियत लिए,
चेहरे पर हँसी का मोल लिए,
चटपटी बातो के साथ,
जरा सा पास आकर बोली,
तेरा मेरा रिश्ता को पिछले जन्म का है।
प्रतिउत्तर में मैने मुस्कराकर,
दो शब्द यू बोल दिए उसको की,
जरूर कुछ अधूरे सपने रहे होंगे,
कुछ प्यार के पल मीठे रहे होंगे,
तभी मिले हो इस जन्म में फिर से।
फिर क्या था ,उसने आंखो से,
पहली बार आह फिर,
लिपट गई वो मेरे रूह से,और,
कहने लगी अपने सपनो को,
जो शायद पूरे ना हुए थे ,
पिछले जन्म में।
में बस सुन रहा था उसके जज्बातों को,
हिलते हुए उसके होठों को,
महसूस कर रहा था उसके अरमानों को,
दिल उसका गवाई दे रहा था,
की अब पूरे होंगे सपने तेरे,
पिछले जन्म के इस जन्म में।
भरत (राज)