मै कवयित्री चन्द्रकला भागीरथी साहित्य की दोनों विधाओं में लेखन कार्य करती हूँ गद्य और पद्य में गीत और कविताएं लिखना मेरा प्रिय शोक है
Book Summary
ऐसा कोई नहीं जो, भक्ति रस में खो नहीं सकता।
ईश्वर की आराधना को सर्वस्व समझ नही सकता।
ईश्वर की कृपा उसी भक्त पर रहती है सदा।
जो प्रभु को सब कुछ सौप भक्ति बिन रह नहीं सकता।।
मैं कवयित्री डॉ चन्द्रकला भागीरथी आदरणीया प्रगति दाभोलकर जी का और उनकी समस्त टीम का हार्दिक आभार धन्यवाद करतीं हूँ कि शॉपिज़न पर हमारी पुस्तक को प्रकाशित किया।।
सभी प्रिय पाठकों का भी आभार व्यक्त करती हूँ कि इसी तरह आपका प्यार, स्नेह मुझे मिलता रहे। अब मैं अपनी अगली पुस्तक लेकर आ रहीं हूँ (भजन संग्रह) इसमें आप सभी को भक्ति रस का अनंत आनंद प्राप्त होगा।
हम सभी अपने परिवार की परवरिश के चलते जीवन भर भाग दौड़ में लगे रहते हैं। सारा जीवन यूं ही बिता देते हैं ईश्वर का नाम भी कुछ पल के लिए भागते भागते लेते हैं। इसी पर्याय को ध्यान में रखते हुए ये (भजन संग्रह) आ रहा है कि जब भी आप खाली हो या किसी भजन संध्या, कीर्तन आदि में जाये तो इन भजनों को गा सकते हैं इनका आनंद खुद भी ले और दुसरों को भी दे। नवधा भक्ति में से एक भक्ति भजन व भक्ति गीतों के माध्यम से की जा सकती है। तो आप इसका लाभ उठायें और भक्ति रस में डूब जाये।।