• 28 September 2020

    हर रोज़

    ये मुलाकातें क्या रंग लायेंगी ?

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    महाराष्ट्र में शिवसेना के राज्यसभा सांसद और सामना के संपादक संजय राउत भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणबीस रेयात होटल में क्या मिले , सियासी गलियारों में कानाफूसी शुरू हो गयी । अनेक कयास लगाये जाने लगे । एक तरफ संजय राउत ने सफाई दी कि नहीं , यह तो सामना के लिए देवेंद्र फडणबीस की इंटरव्यू से पहले तैयारी की मुलाकात थी । दूसरी ओर देवेंद्र फडणबीस का जवाब कि हम कोई गठबंधन की बात नहीं करने जा रहे यह एनसीपी और कांग्रेस के साथ गठबंधन की सरकार अपने काम काज से ही गिर जायेगी । इसके लिए कुछ करने की जरूरत नहीं । लोग इसके काम काज पे खुश नहीं ।
    देवेंद्र फडणबीस जी । मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार क्या अपने आप ही गिर गयी थी ? इसके लिए कितने पापड़ बेलने पड़े थे । ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक विधायकों को तोड़ना पड़ा था और उन्हें राज्यसभा की टिकट तश्तरी में उपहार में देनी पड़ी थी ।
    राजस्थान की कांग्रेस सरकार क्या अपने आप गिरने वाली थी ? मानेसर में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कांग्रेस विधायकों की आवभगत में पलक पांवड़े बिछाये बैठे रहे । राजस्थान पुलिस को इनके नजदीक फटकने तक नहीं दिया । वैसे आपने अजीत पंवार के साथ आधी रात को बिना विधायकों की गिनती किये शपथ ले ली थी तो क्या अपने आप ले ली थी ? बताइए । फिर बड़े बेआबरू होकर इस्तीफा देने भी भागे । मीडिया के सामने कितनी फजीहत करवाई । अपने आप तो न मणिपुर की सरकार बनी न गोवा की और न ही कर्नाटक की । सब सरकारें बड़ी चालों से और कूटनीति से संविधान को दरकिनार कर बनाई गयीं । यह संविधान रबड़ से भी लचीला हो गया । जिधर चाहे मरोड़ लिया । जिधर चाहे घुमा लिया । सरकार तो उत्तराखंड में भी ऐसे ही गिराईं लेकिन कोर्ट ने हरीश रावत को एक बार तो मुख्यमंत्री पद वापस करवा दिया था । पर आपको इन सब बातों से क्या ? जब शिवसेना आधा आधा राज मांग रही थी , तब क्यों नहीं माने ? तब तो पूरी ऐंठ में रहे । अब शरद पवार ने चाणक्य को मात दे दी तो माथे पर बल पड़ गये । फिर महाभारत की तरह लाये कंगना । ऐसी खनकी कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे तक बोले कि यहां आकर काम और रोजगार पाते हैं लेकिन इसी को बदनाम करते हैं । अहसान फ़रामोश लोग । फिर संजय राउत की जुबान फिसली और हरामखोर तक कह डाला । ऑफिस तक गिरवा दिया । किसको बचाने के लिए ? कंगना नौ सितम्बर से चौदह सितम्बर तक रही और खूब मीडिया पीछे लगाये रखा । यह महाभारत की चाल थी । फिर कंगना सुरक्षित महसूस न करने का ट्वीट कर वापस अपने घर मनाली पहुंच गयी । अब फिर नयी स्क्रिप्ट लिखी जा रही है रेयात होटल में । नया एपीसोड आने वाला है । इधर शरद पवार ने भी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात की । अब इस मुलाकात पर क्या कहेंगे देवेंद्र फडणबीस जी ? नयी रणनीति या सलाह मश्विरा ? आखिर सियासी हलचल तेज होती जायेगी । मुलाकातें बढ़ती जायेंगी और देखिए क्या रंग दिखाती हैं ये मुलाकातें ?



    कमलेश भारतीय


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