प्रत्येक व्यक्ति का ख़ुद को इन्ट्रोड्यूस करने के लिए एक शीर्श वाक्य होता ही है, मेरा वाक्य है कि मैं स्वयं में एक खुली किताब हूॅ!! मुझे आप समझ और ज्ञान का एक अद्भुत संयोग यानि डेडली कॉम्बिनेशन मान सकते हैं, मेरे कथन को पकडना मतलब जंग जीतने जैसा है, शायद जब मैं कई दिनों पहले कहे अपने वक्तव्य...More
प्रत्येक व्यक्ति का ख़ुद को इन्ट्रोड्यूस करने के लिए एक शीर्श वाक्य होता ही है, मेरा वाक्य है कि मैं स्वयं में एक खुली किताब हूॅ!! मुझे आप समझ और ज्ञान का एक अद्भुत संयोग यानि डेडली कॉम्बिनेशन मान सकते हैं, मेरे कथन को पकडना मतलब जंग जीतने जैसा है, शायद जब मैं कई दिनों पहले कहे अपने वक्तव्य को अभी घट रही किसी घटना से जोड़कर व्याख्यायित करने लगता हूॅ जो लोगों को पूर्णत: संतृप्त भी कर ही जाता है, वैसे सच तो ये भी है की मैं अभी तक खुद को नहीं जान पाया हूँ, और शायद कभी जान भी न पाऊँ.. अगर आप को मेरे बारे में कुछ जानना ही है, तो कृपया मेरी 'तस्वीर’ से पूछिए वो मेरे बारे में जो भी बताएगी सच ही बताएगी.. स्कूली शिक्षा, आयुर्वेद एवं प्राकृतिक सिद्धान्तों के अध्ययनानुसार स्वस्थ रहने एवम् रोग निवारण के लिए पंचतत्त्वों व इनके विभिन्न संयोगों से निर्मित, वात्त पित्त कफ़ दोषों को सन्तुलित कर, स्वस्थ रहने हेतु योग प्राणायाम के प्रचार प्रसार में लगा हुआ हूँ! ध्यान प्राणायाम वैदिक बीजमंत्रों के उपयोग से भी मैं, सँग मित्र परिजनों के चारित्रिक, व्यवसायिक एवम् आध्यात्मिक गुणों को विकसित करने कराने में काफ़ी हद तक, सफलता पूर्वक व्यस्त हूँ, मेरा मानना है कि ज्योतिषीय समीकरणों से भी राशियों, ग्रह नक्षत्रों की स्थिति दशा गोचर अनुसार भी, मानवीय गुणों व संसाधनों को सही दिशा में उपयोग करने हेतु अध्ययन में भी प्रयास-रत रहने की भरपूर कोशिश करता रहूँ!
वैसे कुल मिलाकर मैं मेरा सिर्फ भूतकाल जानता हूं और वर्तमान में क्या हूं वो जानता हूं, मुझे लगता है कि दुनिया का कोई भी मनुष्य अपने बारे में इससे अधिक नहीं जान सकता..????