सच कहूँ! सम्वेदना, अभिशाप है

सच कहूँ! सम्वेदना, अभिशाप है


सूरज शुक्ला सूरज शुक्ला

Summary

संवेदनशील कवि हृदय के उद्गार
Poem
Racchaanaa Nodiyaal - (17 May 2023) 5
बेहद भावपूर्ण कविता है 💐💐💐

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Geetanjali Polai - (05 April 2023) 5
बहुत ही सुन्दर और बेहतरीन रचना 👌👌👌👌

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bharat (Raj) - (25 March 2023) 5
superb

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मनोज कुमार "MJ" - (03 March 2023) 5
bahut hi behatreen bhaiya👏👏👏

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pandurang kokulwar - (26 February 2023) 5
कवी का अंतर्मन बहोत ही अच्छा पेश किया गया है l

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मेरी कलम, मेरी प्रेमिका है! और मैं, इसका पागल प्रेमी।

Publish Date : 25 Feb 2023

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