रतन चंद 'रत्नेश' - (24 April 2024)आज की पीढ़ी के लिए जानने योग्य।
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प्रहलाद माथुर - (28 March 2024)सावरकर जैसा महान क्रांतिकारी बार बार पैदा नही होते । मुझे घिन्न आती है उन लोगों से जो उनका विरोध करते हैं। मेरा कहना है उनका विरोध करने वाले कभी एक दिन काले पानी की सजा की तरह कोल्हू का बेल बनकर तेल निकालकर दिखा दे। बस बातें विरोध की करनी है। मेरा वीर सावरकर जी को बार बार शत शत नमन।
Shobha Bapte - (24 March 2024)वा प्रगति फारचं सुंदर लेखन खरचं मनापासून अभिनंदन तुझे स्वातंत्र्य वीर सावरकरांना शत् शत् नमन्
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Aieshvarya Dagaonkar - (24 March 2024)बहुत शानदार लेख । मैं जब अंडमान-निकोबार गई थी तब उनके बारे में बहुत कुछ देखने और पढ़ने के बाद उनके प्रति श्रद्धा और बढ़ गई।उनके उपर जो सिनेमा है वह अवश्य देखना चाहिए।ऐसे महान हस्ती को मेरा सादर प्रणाम।
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सुनंदा असवाल - (24 March 2024)बहुत सुंदर वीर सावरकर की कहानी। मेरा कोई राजनीतिक अनुभव नहीं है ,पर कहानी पढ़कर और तथ्यों को जानकर प्रभावित हुए बिना न रह सकी । प्रेरक जीवनी , संघर्ष में भी अनवरत बढ़ते रहे । ऐसे महानायक हमारी प्रेरणा के स्रोत बनते रहें । शत् शत् नमन। जो देश के लिए मिटा था वह शीश किसी वीर का था ... जो देश का था वह बलिदानी मातृभूमि का अमर बेटा था ..!
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ऋजुता देशमुख - (24 March 2024)बहुत प्रभावी लेख लिखा है आपने। स्वातंत्र्यवीर सावरकरजी जैसा महान स्वातंत्र्य सेनानी त्रिभुवन में नहीं हुआ है। ऐसे स्वातंत्र्य सेनानी और जाज्वल्य देशभक्त को कोटी कोटी प्रणाम। 🙏🙏🙏🙏