"मैं राष्ट्रभक्त हूं और आजीवन राष्ट्र की सेवा करता रहूंगा !" ---किरण कुमार पाण्डेय
Book Summary
जरूरी है कि, हम सभी लोग पहले स्वयं 'सत्य' का अनुसरण करें फिर दूसरों से 'सत्य' का अनुसरण करने को कहें ! यह मानकर चलें कि, 'सत्य की महत्ता स्वीकार करने में आपका ही बड़प्पन है क्योंकि अब आप सदैव संतुष्ट रहने वाले व्यक्ति बन गए हैं जो अपने आप में एक महत्वपूर्ण कदम है !